उसकी नफरत को अपने
प्यार की तरफ मोड़ा मैंने |
उसकी जिद को अपनी
जिद से तोडा मैंने |
है मेरी आँखों मे
बस उसका ही चेहरा
अपनी हर नजर मे
उसे ही तो ओढा मैंने |
मेरा प्रतिबिम्ब बन
वो इकरार कर जाये
तो ज़माने की हर
रस्म को मरोड़ा मैंने |
प्यार की तरफ मोड़ा मैंने |
उसकी जिद को अपनी
जिद से तोडा मैंने |
है मेरी आँखों मे
बस उसका ही चेहरा
अपनी हर नजर मे
उसे ही तो ओढा मैंने |
मेरा प्रतिबिम्ब बन
वो इकरार कर जाये
तो ज़माने की हर
रस्म को मरोड़ा मैंने |